सार ; । ABSTRACT |
संसाधन सामग्री का प्रभावी उपयोग विज्ञान शिक्षण के प्रति समझ और अवधारणाओं को मजबूत करते हैं। संसाधन सामग्री से विद्यार्थियों में धनात्मक अभिप्रेरण और शुद्ध परिणाम देने की क्षमता बढ़ती है। यह विद्यार्थियों को नई खोज, उच्चतम सोचने की शक्ति, समस्या समाधान और एक गहन चिन्तन के रूप में तैयार करती है। नये क्षेत्रों में समझ विकसित होन से तथा रचनात्मक समाधान से अध्यापक और छात्रों के बीच परस्पर संवाद और स्थानीय वातावरण में काम करने के अवसर मिलते है।
संसाधन सामग्री का प्रभावी उपयोग विज्ञान शिक्षण के प्रति समझ और अवधारणाओं को मजबूत करते हैं। संसाधन सामग्री से विद्यार्थियों में धनात्मक अभिप्रेरण और शुद्ध परिणाम देने की क्षमता बढ़ती है। यह विद्यार्थियों को नई खोज, उच्चतम सोचने की शक्ति, समस्या समाधान और एक गहन चिन्तन के रूप में तैयार करती है। नये क्षेत्रों में समझ विकसित होन से तथा रचनात्मक समाधान से अध्यापक और छात्रों के बीच परस्पर संवाद और स्थानीय वातावरण में काम करने के अवसर मिलते है।
अधिकांश स्कूलों में अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि विज्ञान शिक्षक शिक्षण अधिगम हेतु सन्दर्भ साहित्य और मौजूद सुविधाओं से प्रभावित हैं। परिणामस्वरूप शिक्षा की गुणवत्ता, सहयोग और सुधार का स्तर प्रभावित हुआ है। विशेषकर सह-शिक्षा माध्यम में पढ़ने वाले विद्यार्थी, अध्यापकों, पुस्तकों, प्रयोगशालाओं या अन्य शिक्षकों पर केन्द्रित होते हैं। इन स्कूलों में सन्दर्भ सामग्री या अध्यापक का शिक्षण बाल केन्द्रित नहीं होता। अर्थात इन स्कूलों में विद्यार्थी मात्र सुनकर, आकलन करते हैं या निष्क्रिय बने रहते है।इसलिए अध्यापक इन विद्यालयों में ज्ञान का स्रोत बना हुआ है। शिक्षक इस भूमिका में सूचनाओं का सम्प्रेषण धारा प्रवाह करते हैं। जबकि उन्हें ऐसा कोई प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता। फलस्वरूप विज्ञान शिक्षण और अधिगम, विद्यार्थियों की इच्छा और सक्रियता को न्यूनतम स्तर पर ले आया है। जिन विद्यालयों में संसाधन सामग्री उपलब्ध है वहां निपुण और जागरूक शिक्षकों की कमी बनी हुई है। संसाधन सामग्री के साथ विज्ञान विषय का शिक्षण NCF-2005 की दृष्टि में अनिवार्य किया गया है। जबकि प्रारम्भिक प्रेक्षणों द्वारा यह पाया गया है कि शिक्षकों द्वारा संसाधन सामग्री को शिक्षण कार्य में पूर्णतया उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। इन कारणों के मुख्य बिन्दु -
1. संसाधन सामग्री का प्रयोग करने हेतु स्कूलों के पास समय नहीं है।
2. संसाधन सामग्री तैयार करने हेतु अध्यापकों को पर्याप्त प्रशिक्षण के अवसर नहीं दिये गये है।
3. शिक्षकों के पास उचित तकनीकी सहयोग प्राप्त नहीं है।
4. संसाधन सामग्री को विज्ञान पाठ्यक्रम से जोड़ने के प्रति जागरूक नहीं है।
5. विज्ञान विषय के पाठों और अलग-अलग सम्बोधों के लिए संसाधन सामग्री बनाना जटिल प्रक्रिया है।
1. संसाधन सामग्री का प्रयोग करने हेतु स्कूलों के पास समय नहीं है।
2. संसाधन सामग्री तैयार करने हेतु अध्यापकों को पर्याप्त प्रशिक्षण के अवसर नहीं दिये गये है।
3. शिक्षकों के पास उचित तकनीकी सहयोग प्राप्त नहीं है।
4. संसाधन सामग्री को विज्ञान पाठ्यक्रम से जोड़ने के प्रति जागरूक नहीं है।
5. विज्ञान विषय के पाठों और अलग-अलग सम्बोधों के लिए संसाधन सामग्री बनाना जटिल प्रक्रिया है।
संसाधन सामग्री का प्रभावी उपयोग विज्ञान शिक्षण में करने वाले अध्यापक विज्ञान विषय के प्रति समझ और अवधारणाओं को मजबूत करते हैं। संसाधन सामग्री के उपयोग से विद्यार्थियों में धनात्मक अभिप्रेरण और शुद्ध परिणाम देने की क्षमता बढ़ती है। यह विद्यार्थियों को नई खोज, उच्चतम सोचने की शक्ति, समस्या समाधान और एक गहन चिन्तन के रूप में तैयार करती है। संसाधन सामग्री से विज्ञान के नये क्षेत्रों में समझ विकसित करने तथा रचनात्मक समाधान की प्रेरणा मिलती है। संसाधन सामग्री से अध्यापक और छात्रों के बीच परस्पर संवाद और स्थानीय वातावरण में काम करने के अवसर मिलते है।
अतः प्रभावी शिक्षण के लिए आवश्यक है कि सभी विज्ञान शिक्षक संसाधन सामग्री के लिए विशेष और गहराई के साथ आवश्यक तैयारी करें ताकि छात्रों के लिए अनुकूल सामाजिक एंव भावनात्मक परिस्थितियां बन सकें। अध्यापकों को चाहिए कि छात्रों के ज्ञान और कौशल को इक्कीसवीं सदी के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग द्वारा बाल केन्द्रित शिक्षण विकसित कर सकें। विज्ञान शिक्षकों को सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संसाधन सामग्री सेे आस-पास के मुद्दों को व्यवहारिक जीवन मंे अनुप्रयोग हेतु समझ विकसित करने की नितान्त आवश्यकता है।
अतः प्रभावी शिक्षण के लिए आवश्यक है कि सभी विज्ञान शिक्षक संसाधन सामग्री के लिए विशेष और गहराई के साथ आवश्यक तैयारी करें ताकि छात्रों के लिए अनुकूल सामाजिक एंव भावनात्मक परिस्थितियां बन सकें। अध्यापकों को चाहिए कि छात्रों के ज्ञान और कौशल को इक्कीसवीं सदी के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग द्वारा बाल केन्द्रित शिक्षण विकसित कर सकें। विज्ञान शिक्षकों को सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संसाधन सामग्री सेे आस-पास के मुद्दों को व्यवहारिक जीवन मंे अनुप्रयोग हेतु समझ विकसित करने की नितान्त आवश्यकता है।
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